रविवार, 26 अक्तूबर 2008

काश .....


काश की कभी युही मिल जाती तुम चलते चलते

ये दिन भी युही रात हो जाता कभी चलते चलते


ये दुआ है की तुम मिलो ना मिलो मुझे कभी

तुम्हे हर खुशी मिले बस युही चलते चलते


हर वो तन्हाई जो मैंने जिया है तुम्हारे बगैर

तुम्हे महफ़िल सजा दे बस युही चलते चलते


जब निकल के जाऊ मै तेरे दर से कही दुर

तू बस देख लेना एक नज़र बस युही चलते चलते


यकीन कर मै ना आऊंगा लौट के कभी'

यु ही खत्म होगी सफर तेरे बिन चलते चलते



सैकत

शनिवार, 25 अक्तूबर 2008

जादूगर


देखकर तुम्हारे ज़ख्मो को कुछ और ही एहसास होता है

खुशियो से मिटा दे गम कोई जादूगर वो लगता है

चेहरे - चेहरे में मेल नही चेहरे पे छुपा चेहरा है कई

असली चेहरा फिर दिखला दे कोई जादूगर वो लगता है


वफ़ा की बात मत कर यहाँ रुसवाईयों के पर निकले है

प्यार को फिर भी खुदा माने कोई जादूगर वो लगता है

जीवन के अनगिनत हादसों में जब हादसा ही बचा रहा

फिर भी दिखलाये मंजिल नए कोई जादूगर वो लगता है


लोग तो चले है अकेले ही राह भी तन्हा तन्हा है

तन्हाई को हमसफ़र बना दे कोई जादूगर वो लगता है

दिलजलों की इस बस्ती में दिलवालों की कोई बात नही

दिल जलाकर दिल को रोशन करे कोई जादूगर वो लगता है


जल रही हो बस्तिया जब हर हाथ में जलती मशालें है

ऐसे में बारिश की दुआ करे कोई जादूगर वो लगता है

खून के रिश्ते झुट्लाते है नए रिश्तो की बात कौन करे

ऐसे में मेरे तुम्हारे बीच खड़ा कोई जादूगर वो लगता है


सैकत








शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2008

बहाना


मन्दिर जाने के बहाने
तुझे देखने जाता हूँ मैं
बुत् को देखने के बजाये
तुझे देखता रहता हूँ मैं
क्या गुनाह करता हूँ मैं

गर ये गुनाह है
तो बता मैं क्या करूँ
अभी तो एक बार है
दिल कह्ता है बार बार करूँ
कोई मन्दिर बनाऊं
जहाँ बुत् हो तेरी
मैं पुजारी बन जाऊँ
मंत्र पड़ता रहूँ प्रेम की

लोग कहेंगे ये दीवानगी है
मैं कह्ता हूँ यही बंदगी है
प्रेम पूजा है मेरे जीवन में
और तू पूर्णाहुति है
पूजा की

सैकत